Sumbangan 15 hb September 2024 – 1 hb Oktober 2024 Mengenai pengumpulan sumbangan

पल्लव, प्रेम के

पल्लव, प्रेम के

Surjeet Kumar
0 / 5.0
0 comments
Sukakah anda buku ini?
Bagaimana kualiti fail ini?
Muat turun buku untuk menilai kualitinya
Bagaimana kualiti fail yang dimuat turun?

प्रेम वो शाश्वत विषय है जिसे, जितना पढ़ा जाए, जितना लिखा जाए, जितना समझा जाए, जितना समझाया जाए, जितना जाना जाए, कम ही लगता है। इसे किसी ने कच्चा धागा कहा, तो किसी ने मजबूत डोर, किसी ने प्रेम को ईश्वर कहा, तो किसी ने अल्लाह का रूप, कोई इसे अपने प्रेमी मे देखता है, तो कोई स्वयं के भीतर। कहा जाता है, "प्रेम को जानने के लिए प्यार मे पड़ना जरूरी है।" मेरे विचार में प्रेम उस पवित्र पल्लव की तरह है, जो जीवन रूपी कलश के मस्तक पर सदैव शोभायमान रहता है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से प्रेम के अलग-अलग रूपों, चरणों और रोमांच को कविताओं मे समेत कर आप तक पहुँचने का प्रयास कर रहा हूँ।

Penerbit:
Surjeet Kumar
Bahasa:
hindi
ISBN:
9D758DC6-4C1A-4372-9B04-35877558B0C7
Fail:
AZW3 , 310 KB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi0
Baca dalam Talian
Penukaran menjadi sedang dijalankan
Penukaran menjadi gagal

Istilah utama